07 June 2025
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इस्लाम में मुख्य रूप से दो ही तरह की ईद होती है। पहला: ईद-उल-फितर (Eid al-Fitr) और दूसरा: ईद-उल-अज़हा (Eid al-Adha). हालांकि एक तीसरी ईद भी होती है: ईद-ए-मिलाद (Eid e-Milad)
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इस्लाम में ईद का अर्थ ‘उत्सव’ या ‘त्योहार’ होता है। ईद के दो खास दिन हैं जिन्हें मुसलमान पैगंबर मुहम्मद के मार्गदर्शन के अनुसार मनाते हैं।
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इसे "छोटी ईद" भी कहा जाता है। यह रमज़ान के पवित्र महीने के अंत में मनाया जाता है। यह रमज़ान के दौरान रोज़ा तोड़ने का प्रतीक है।
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इसे "बड़ी ईद” भी कहा जाता है। इसे इस्लामी कैलेंडर के आखिरी महीने, धुल हिज्जा के 10वें दिन मनाया जाता है।
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ईद-उल-अज़हा यानी बड़ी ईद को ही "कुर्बानी ईद" या "बकरा ईद" या "ईद उल जुहा” भी कहा जाता है। इसमें एक जानवर की रस्मी बलि शामिल होती है।
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ईद-ए-मिलाद मुसलमानों के लिए एक अनमोल त्योहार है, जो पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन का जश्न मनाते हैं। इसे मुहम्मद का जन्मदिन, नबी दिवस या मौलिद के नाम से भी जाना जाता है।
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ईद-ए-मिलाद के दिन मुसलमान पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं को याद करते और उनकी कहानियां सुनाते हैं। इसमें बड़े पैमाने पर एक जगह मुसलमान इक्ट्ठा होते हैं और पैगंबर मुहम्मद के बारे में जानते हैं।
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