नील पर्वत की चोटी पर विराजित – नीलेश्वर महादेव मंदिर का दिव्य इतिहास

05 June 2025

Image Credit: Canva

नीलेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार, उत्तराखंड के नील पर्वत की चोटी पर स्थित एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थल है। यह तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक अनिवार्य गंतव्य है।

White Frame Corner

Image Credit: Canva

पवित्र स्थान

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने देवी पार्वती के साथ विवाह के बाद यहां स्वयंभू शिवलिंग प्रकट किया, जो मंदिर की पवित्रता का प्रतीक है।

White Frame Corner

स्वयंभू शिवलिंग

Image Credit: Canva

यह मंदिर भगवान शिव की अनंत उपस्थिति का प्रतीक है। यहां पूजा करने से भक्तों को आध्यात्मिक लाभ और दिव्य आशीर्वाद मिलता है।

White Frame Corner

आध्यात्मिक महत्व

Image Credit: Canva

भक्त यहां स्वास्थ्य, समृद्धि और समग्र कल्याण की कामना के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। यह जीवन की बाधाओं को दूर करने का भी स्थान माना जाता है।

White Frame Corner

आशीर्वाद की कामना

Image Credit: Canva

हरी-भरी वादियों से घिरा यह मंदिर ध्यान, प्रार्थना और आध्यात्मिक चिंतन के लिए शांतिपूर्ण और सुकून भरा माहौल प्रदान करता है।

White Frame Corner

प्राकृतिक शांति

Image Credit: Canva

मंदिर में पारंपरिक उत्तर भारतीय वास्तुकला देखने को मिलती है, जिसमें प्रमुख है मंदिर के ऊपर ऊँचा शिखर, जिसमें स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है।

White Frame Corner

वास्तुकला की खासियत

Image Credit: Canva

मंदिर साल भर खुला रहता है, लेकिन सावन और महाशिवरात्रि के महीने खासतौर पर भक्तों के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं, जब मंदिर भक्ति से परिपूर्ण होता है।

White Frame Corner

कब यात्रा करना ज्यादा सही?

Image Credit: Canva

यात्रियों को नील पर्वत की सुंदर चढ़ाई करनी होती है, जहां वे अभिषेक, प्रादक्षिणा जैसे अनुष्ठानों में भाग लेते हैं और हरिद्वार के मनोरम दृश्य का आनंद लेते हैं।

White Frame Corner

Image Credit: Canva

तीर्थयात्रा अनुभव

संबंधित खबरें

मानसिक शांति दिलाते हैं हनुमान चालीसा के ये 6 श्लोक - आपके कितनों के बारे में पता है? इन 8 शक्तिशाली मंत्रों को सभी हिंदू को जपना चाहिए - देखें लिस्ट 3 तरह की होती है ईद, Eid al-Fitr, Eid al-Adha और Eid e-Milad; फिर बकरीद क्या है? हनुमान जी को समर्पित ये हैं देश के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिर प्रभु श्री राम की भक्ति के लिए ये 7 मंत्र है बहुत शक्तिशाली केदारनाथ जा रहे हैं तो इन जगहों को भी जरूर करें एक्सप्लोर - मजा आ जाएगा बुधवार को क्यों होती है भगवान गणेश की पूजा? जान जाएंगे तो आप भी करने लगेंगे सोमवार को क्यों कहा जाता है भगवान शिव का दिन? बहुत ही रोचक है इसका कारण इस मूर्ति का टूटेगा हाथ, आएगी प्रलय - फिर गायब हो जाएगा बद्रीनाथ!