02 August 2025
Meizu ने AI पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 2024 की शुरुआत में आधिकारिक तौर पर अपना स्मार्टफोन कारोबार बंद कर दिया। किफायती दामों पर उच्च-स्पेक वाले फोन पेश करने के बावजूद, कड़े कंपीटिशन के कारण यह भारत में अपना ऑपरेशन जारी नहीं रख सका।
एलजी ने अप्रैल 2021 में भारत सहित ग्लोबल स्मार्टफोन बाजार को अलविदा कह दिया। इनोवेटिव डिजाइन इसे घटती बिक्री और बाजार में पकड़ की कमी से नहीं बचा सके।
सोनी ने मई 2019 में भारत में स्मार्टफोन बेचना बंद कर दिया। इसकी प्रीमियम Xperia सीरीज मिड-रेंज चीनी फोन के साथ कंपीटिशन करने में विफल रही।
HTC ने 2019 में वापसी की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। कभी अपने आकर्षक डिजाइनों के लिए मशहूर, यह आक्रामक चीनी ब्रांडों के साथ कदमताल नहीं मिला सका।
अगस्त 2020 में टीसीएल के साथ कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के बाद ब्लैकबेरी बंद हो गई। इसके प्रतिष्ठित QWERTY फोन एंड्रॉइड/iOS लहर से बच नहीं सके।
LeEco ने भारत में धमाकेदार शुरुआत की, लेकिन कैश की कमी और खराब बिजनेस रणनीति के कारण 2017 में ही बाहर हो गई।
2010 के अंत में, स्पाइस मोबाइल जो एक बजट भारतीय ब्रांड था, तेज कंपीटिशन और इनोवेशन की कमी के कारण लुप्त हो गया।
पैनासोनिक को बजट सेगमेंट में संघर्ष करना पड़ा और आखिरकार वह भारतीय स्मार्टफोन बाजार से साल 2010 के अंत तक बाहर हो गई।
वीडियोकॉन विकसित होती तकनीक और कंज्यूमर के उम्मीदें के साथ तालमेल नहीं बिठा सका, जिसके कारण उसे मोबाइल सेक्टर से साल 2010 के अंत तक बाहर होना पड़ा।
iBall ने बजट यूजर्स को टारगेट किया, लेकिन बेहतर कीमत और बेहतर डिस्ट्रीब्यूशन वाले चीनी फोन के हमले से बच नहीं सके और साल 2010 के अंत में इन्हें भी अपना कारोबार समेटना पड़ा।