किताबें पढ़ने का मन है लेकिन शुरुआत कहां से करें? ये 8 हिंदी किताबें आपको आदत लगवा देंगी

14 September 2025

आज हिंदी दिवस है। इस मौका पर अगर आप आज से हिंदी किताबें पढ़ना शुरू करना चाहते हैं तो आज हम आपको ऐसे 8 किताबें बताएंगे जिनसे आप शुरुआत कर सकते हैं। ये किताबें आपको बांधे रखेंगी और आपको इन्हें बार-बार पढ़ने का मन करेगा।

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Image Credit: Canva

‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ विनोद कुमार शुक्ल का एक उपन्यास है, जो निम्न-मध्यम वर्ग के एक साधारण शिक्षक रघुवर प्रसाद के जीवन, उसकी पत्नी और पड़ोसियों की भावनाओं को गहराई से दर्शाता है.

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1. दिवार में खिड़की रहती थी - विनोद कुमार शुक्ल

धर्मवीर भारती का उपन्यास 'गुनाहों का देवता' हिंदी साहित्य की एक अमर रचना है, जिसमें युवा छात्र चंदर और प्रोफेसर की बेटी सुधा के बीच सामाजिक बंधनों से बाधित अव्यक्त प्रेम कहानी है।

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2. गुनाहों का देवता - धर्मवीर भारती

दिव्य प्रकाश दुबे का उपन्यास "अक्टूबर जंक्शन" चित्रा और सुदीप की अनोखी कहानी है, जो हर साल 10 अक्टूबर को बनारस में मिलते हैं. यह न दोस्त हैं न प्रेमी, बल्कि एक खास बंधन में बंधे हैं.

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3. अक्टूबर जंक्शन - दिव्य प्रकाश दुबे

चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' द्वारा लिखित 'उसने कहा था' प्रेम, त्याग और वफादारी की एक भावप्रधान कालजयी कहानी है, जिसमें प्रथम विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि में लहना सिंह का किरदार सूबेदारनी के वचन को निभाने हेतु अपने प्राणों का बलिदान करता है।

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4. उसने कहा था - चंद्रधर शर्मा गुलेरी

मन्नू भंडारी का उपन्यास 'आपका बंटी' तलाकशुदा माता-पिता के आठ साल के बच्चे बंटी के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक सफर को दर्शाता है, जो उसके मासूम नज़रिए से टूटते परिवार के दुख और दुनिया की जटिलताओं को दिखाता है।

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5. आपका बंटी - मन्नू भंडारी

दिव्य प्रकाश दुबे की 'मुसाफ़िर कैफ़े' एक युवा और प्रेम कहानियों पर आधारित उपन्यास है, जो सुधा और चंदर जैसे आधुनिक पात्रों के इर्द-गिर्द घूमती है। यह कहानी रिश्तों में समझौते नहीं, बल्कि आपसी समझ और व्यक्तिगत आज़ादी को जरूरी मानती है।

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6. मुसाफ़िर कैफ़े - दिव्य प्रकाश दुबे

यह तीन दोस्तों राजिल, चोटी और राधे की कहानी है। इसमें वो चीजें हैं जो अक्सर हमारे बचपन की यादों का हिस्सा होती हैं। यही सब मिलकर इस कहानी को सादगी और अपनापन से भर देती हैं, जो हर किसी को अपने बचपन की ओर ले जाती है।

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7. शर्ट का तीसरा बटन - मानव कौल

अतुल कुमार राय का उपन्यास 'चाँदपुर की चंदा' एक गांव की मासूम और सरल दुनिया की कहानी है। यह किताब चाँदपुर गांव की लड़की चंदा के इर्द-गिर्द घूमती है। अपनी सादगी, आत्मीयता और ग्रामीण जीवन के यथार्थ चित्रण के लिए प्रसिद्ध यह उपन्यास पाठकों को बीते हुए समय की याद दिलाता है।

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8. चाँदपुर की चंदा - अतुल कुमार राय

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