Prepayment vs Repayment: जब आप किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन के रूप में पैसा उधार लेते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि आप उस पैसे को कैसे वापस करेंगे। लोन चुकाने की प्रक्रिया को रिपेमेंट या पुनर्भुगतान कहते हैं।
कभी-कभी, लोग तय समय से पहले ही लोन चुकाना चाहते हैं, जिसे प्रीपेमेंट या पूर्वभुगतान कहते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे की रिपेमेंट और प्रीपेमेंट का मतलब क्या है, यह कैसे काम करता हैं, और आपको इनके बारे में क्या ध्यान रखना चाहिए।
रिपेमेंट क्या है?
रिपेमेंट, आपके द्वारा उधार ली गई राशि को लेंडर (बैंक या वित्तीय संस्थाएं) को वापस करने की प्रक्रिया है। जब आप लोन लेते हैं, चाहे वह घर, कार, शिक्षा या पर्सनल लोन हो, लेंडर आपको एक निश्चित राशि देता है, जिसे आपको एक निश्चित अवधि में नियमित किश्तों में इस राशि का वापस करना होता है।
क्या है प्रीपेमेंट?
प्रीपेमेंट का मतलब है अपने लोन का पूरा या आंशिक भुगतान ड्यू डेट (Due Date) से पहले या पूरी लोन अवधि समाप्त होने से पहले करना। आप अतिरिक्त भुगतान कर सकते हैं या पूरे बचे हुए लोन राशि को एक साथ चुका भी सकते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए आपको पांच साल के लिए कोई लोन लिया है लेकिन दो साल के बाद आपके पास कुछ पैसे आते है और आप चाहते हैं कि आप इसे अपना कर्ज चुका दें तो आप अपने लोन की पेमेंट ड्यू डेट से पहले कर सकते हैं। समय से पहले किए गए इस पेमेंट को ही प्रीपेमेंट कहा जाता है।
लोग प्रीपेमेंट को क्यों चुनते हैं?
उधार लेने वाले लोग प्रीपेमेंट को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इससे उन्हें ब्याज पर बचत करने में मदद मिलती है। लोन को समय से पहले भुगतान करने से, आप कुल मिलाकर कम ब्याज देते हैं, जिससे आपके लोन की कुल लागत कम हो जाती है।
कभी-कभी, लोग बोनस, बचत या संपत्ति बेचकर जो पैसे मिलते हैं उसे लोन को कम करने में लगा देते हैं।
प्रीपेमेंट करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
प्रीपेमेंट देखने में फायदेमंद लगता है लेकिन आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रीपेमेंट चार्ज: कुछ लेंडर लोन, समय से पहले चुकाने पर प्रीपेमेंट चार्ज या जुर्माना लगाते हैं। यह लेंडर द्वारा ब्याज की वसूली का तरीका है जो उन्हें समय से पहले भुगतान करने पर खोना पड़ता। इसलिए, हमेशा चेक करें कि आपके लोन पर कोई प्रीपेमेंट चार्ज है या नहीं और वह कितना है।
लोन के प्रकार: सभी लोन प्रीपेमेंट की अनुमति नहीं देते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड लोन में प्रीपेमेंट पर प्रतिबंध हो सकता हैं। आमतौर पर होम लोन या कार लोन में प्रीपेमेंट की अनुमति होती है जिसे आपको लोन लेने से पहले चेक कर लेना चाहिए।
ईएमआई पर प्रभाव: जब आप प्रीपेमेंट करते हैं, तो आप अपनी ईएमआई राशि कम करने या लोन की अवधि कम करने का विकल्प चुन सकते हैं। उदाहरण के लिए, प्रीपेमेंट के बाद, आप बचे हुए महीनों के लिए छोटी ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं, या ईएमआई को समान रखते हुए लोन जल्दी चुका सकते हैं।
वित्तीय स्थिति: प्रीपेमेंट के बाद भी सुनिश्चित करें कि आपके पास पर्याप्त बचत हो। लोन प्रीपेमेंट के लिए अपनी बचत का उपयोग करने से पहले, आपात स्थिति और अन्य जरूरतों के लिए पैसा होना जरूरी है।
रिपेमेंट श्येड्यूल क्या है?
जब आप लोन लेते हैं, तो बैंक आपको एक प्रीपेमेंट श्येड्यूल देता है। यह श्येड्यूल दर्शाता है कि आपको हर महीने मूलधन और ब्याज सहित कितना भुगतान करना है, और कुल ईएमआई की संख्या कितनी है। यह श्येड्यूल आपको अपनी वित्तीय योजना बनाने में मदद करती है और यह सुनिश्चित करती है कि आपको ठीक-ठीक पता हो कि आपका लोन कब पूरी तरह से चुकाया जाएगा।
कैसे करें रिपेमेंट?
लोन की अदायगी आमतौर पर मंथली ईएमआई के माध्यम से की जाती है। आप इसे विभिन्न तरीकों से चुका सकते हैं, जैसे:
- आपके बैंक खाते से ऑटो-डेबिट
- ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांसफर
- मोबाइल बैंकिंग ऐप
- बैंक ब्रांच में चेक या कैश पेमेंट
जुर्माने और अपने क्रेडिट स्कोर को नुकसान से बचाने के लिए समय पर ईएमआई का भुगतान करना जरूरी है।
अगर आप रिपेमेंट करने से चूक जाते हैं तो क्या होगा?
ईएमआई भुगतान न करने से समस्याएं हो सकती हैं जैसे आपको लेट फीस या जुर्माना देना पड़ सकता है। आपके क्रेडिट स्कोर पर निगेटिव असर पड़ेगा, जिससे भविष्य में लोन प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा। अगर आप लगातार भुगतान करने से चूक जाते हैं, तो लेंडर कानूनी कार्रवाई कर सकता है।