SIP vs One time Stock Investment: शेयर बाजार में निवेश करना समय के साथ अपने पैसे को बढ़ाने का एक लोकप्रिय तरीका है। लेकिन अगर आप निवेश में नए हैं या थोड़ा अनुभवी भी हैं, तो एक सवाल तो आपके मन में भी आता होगा कि क्या एक बार में ही पैसा लगाकर शेयर खरीद लेना सही है या फिर किसी शेयर में एसआईपी करना, जिसे स्टॉक एसआईपी कहा जाता है, सही है? ऐसे कई ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म है जो निवेशकों को स्टॉक एसआईपी करने की सुविधा देते हैं।
दोनों ही तरीकों के अपने-अपने फायदे हैं और आपकी स्थिति के हिसाब से ये उपयोगी हो सकते हैं। इस आर्टिकल में, हम आपको बताएंगे कि शेयर खरीदने और स्टॉक एसआईपी का क्या मतलब है, ये कैसे काम करते हैं, और आपके लिए कौन सा तरीका बेहतर हो सकता है।
एक साथ शेयर खरीदने का क्या मतलब है?
जब आप एक साथ शेयर खरीदते हैं, तो आप एक ही ट्रांजैक्शन में किसी कंपनी के स्टॉक में एकमुश्त पैसा निवेश करते हैं।
उदाहरण: अगर आपके पास निवेश करने के लिए ₹1,00,000 हैं और आप वह सारा पैसा एक बार में शेयर खरीदने में लगा देते हैं। इस तरीके को अक्सर ‘LumpSum इंवेस्टमेंट’ कहा जाता है।
स्टॉक एसआईपी कैसे काम करता है?
एसआईपी का मतलब है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान। आमतौर पर लोग म्यूचुअल फंड के लिए एसआईपी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब कई प्लेटफॉर्म आपको सीधे स्टॉक में एसआईपी करने की सुविधा देते हैं।
उदाहरण: एक बार में ₹1,00,000 निवेश करने के बजाय, आप किसी शेयर में 10 महीनों तक हर महीने ₹10,000 तक निवेश करते हैं तो इसे स्टॉक एसआईपी कहते हैं।
एक बार में शेयर खरीदने के फायदे
निवेश की तुरंत शुरुआत: अगर आपके पास एकमुश्त पैसा तैयार है, तो आप तुरंत निवेश शुरू कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आपका पैसा बिना किसी देरी के आपके लिए काम करना शुरू कर देता है।
बढ़ते बाज़ारों से प्रॉफिट: अगर शेयर बाजार में तेजी का रुख है, तो एक साथ निवेश करने से आपको ज्यादा फायदा होता है क्योंकि शेयर की कीमत बढ़ने के साथ आपका पूरा निवेश भी बढ़ता है।
मैनेजमेंट में आसान: आप बस एक खरीदारी करें और फिर उसका हिसाब रखें। कई ट्रांजैक्शन की तुलना में इसे संभालना आसान हो सकता है।
स्टॉक एसआईपी करने के फायदे
बाजार के समय का अंदाजा लगाने का जोखिम कम करता है: कोई भी यह सटीक रूप से नहीं बता सकता कि शेयर की कीमत कब बढ़ेगी या गिरेगी। एसआईपी आपको ऊंची कीमत पर एकमुश्त निवेश करने के जोखिम से बचाता है। आप समय के साथ अलग-अलग कीमतों पर खरीदारी करते हैं, जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है।
- छोटे बजट के लिए अच्छा: अगर आपके पास एक बार में निवेश करने के लिए बड़ी रकम नहीं है, तो एसआईपी आपको नियमित रूप से छोटी रकम से शुरुआत करने की सुविधा देता है।
- आदत बनाता है: हर महीने नियमित रूप से निवेश करने से आपको एक अनुशासित दृष्टिकोण और लॉन्ग टर्म बचत की आदत विकसित करने में मदद मिलती है।
- कम तनाव: निवेश करने से पहले आपको इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि बाज़ार ऊंचा है या नीचा। एसआईपी आपकी खरीदारी के समय का दबाव कम कर देता है।
कौन सा ज्यादा फायदेमंद?
इसका जवाब आपकी आर्थिक स्थिति, आपके निवेश लक्ष्यों और जोखिम सहने की आपकी क्षमता सहित कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। अगर आपके पास एकमुश्त रकम तैयार है और बाजार में तेजी आने की उम्मीद है, तो एक बार में शेयर खरीदने से आपको ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। आपकी पूरी रकम पहले दिन से ही बढ़ने लगती है।
अगर आप बाजार के उतार-चढ़ाव को लेकर चिंतित हैं या आपके पास निवेश करने के लिए ज्यादा रकम नहीं है, तो SIP ज्यादा सुरक्षित और आसान है। यह आपके निवेश को फैला देता है और गलत समय पर खरीदारी करने के जोखिम को कम करता है।
बेहतर समझने के लिए उदाहरण देखिए
मान लीजिए कि आप ₹60,000 का निवेश करना चाहते हैं। आप या तो एक ही महीने में पूरा निवेश कर सकते हैं या इसे एक साल तक हर महीने ₹5,000 में बांट सकते हैं। अगर जनवरी में शेयर का मार्केट प्राइस ₹100 है, लेकिन फारवरी में गिरकर ₹80 हो जाता है, तो आपके एकमुश्त निवेश से कम शेयर ज्यादा कीमत पर खरीदे जाएंगे।
लेकिन अगर आप SIP करते हैं, तो आप जनवरी में कम शेयर खरीदते हैं, लेकिन फरवरी में कीमत गिरने पर ज्यादा शेयर खरीदते हैं। साल भर में, आपकी प्रति शेयर औसत लागत बैलेंस हो जाती है।
Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। The Headlines हिंदी अपने पाठकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।