दिल्ली कार ब्लास्ट पर बड़ा खुलासा- केंद्र ने माना आतंकी हमला, फरीदाबाद से मिली संदिग्ध कार

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जांच एजेंसियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं और सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी।

दिल्ली कार ब्लास्ट पर बड़ा खुलासा- केंद्र ने माना आतंकी हमला, फरीदाबाद से मिली संदिग्ध कार

दिल्ली कार ब्लास्ट पर बड़ा खुलासा- केंद्र ने माना आतंकी हमला, फरीदाबाद से मिली संदिग्ध कार / X

केंद्र सरकार ने दिल्ली में लाल किला के पास हुई कार ब्लास्ट घटना को आतंकी हमला घोषित किया है। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस हमले पर प्रस्ताव पारित करते हुए कहा गया कि यह राष्ट्र-विरोधी ताकतों द्वारा किया गया जघन्य कृत्य है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जांच एजेंसियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं और सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी।

 

इधर, जांच में खुलासा हुआ है कि धमाके में शामिल आतंकियों के पास एक नहीं, बल्कि दो कारें थीं। दूसरी संदिग्ध लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार (नंबर DL10-CK-0458) हरियाणा के फरीदाबाद के खंदावली गांव के पास खड़ी मिली है। यह कार डॉक्टर उमर उन नबी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। NSG और FSL की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कार मंगलवार से वहीं खड़ी थी।

 

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली धमाके की साजिश फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से रची जा रही थी। गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन शाहिद ने पूछताछ में कबूला है कि वह पिछले दो साल से विस्फोटक सामग्री इकट्ठा कर रही थी। बताया जा रहा है कि शाहीन और उसके साथियों ने एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल तैयार किया था, जिसमें पेशेवर लोगों को शामिल किया गया था। इस ग्रुप का संबंध जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा पाया गया है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान से लौटने के तुरंत बाद LNJP अस्पताल पहुंचे और धमाके में घायल लोगों से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों से इलाज की जानकारी ली और कहा कि जो लोग इस साजिश में शामिल हैं, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

 

जांच एजेंसियों का कहना है कि आतंकियों की योजना सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं थी। वे देशभर में 200 IED बम लगाकर 26/11 जैसी कई घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। टारगेट में लाल किला, इंडिया गेट, गौरी शंकर मंदिर, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब जैसे स्थल शामिल थे। इसके अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद, देशभर के रेलवे स्टेशन और बड़े मॉल्स भी उनकी हिट लिस्ट में थे। उनका मकसद धार्मिक स्थलों पर धमाके कर सांप्रदायिक तनाव फैलाना था। इसके लिए उन्होंने कश्मीर के डॉक्टरों को चुना ताकि वे पहचान से बच सकें।

 

पुलिस ने बताया कि ब्लास्ट में मारे गए संदिग्ध उमर की पहचान पुख्ता करने के लिए उसकी मां का DNA सैंपल लिया गया है, जिसे AIIMS की फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है। वहीं, जिस हुंडई i20 कार में धमाका हुआ, वह फरीदाबाद के 'रॉयल कार जोन' नामक सेकेंड हैंड कार शोरूम से खरीदी गई थी। शोरूम के मालिक को हिरासत में लिया गया है।

 

अल फलाह यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉ. भूपिंदर कौर ने कहा कि कैंपस में किसी भी तरह का केमिकल लाने की बात पूरी तरह गलत है। जांच एजेंसियों ने अब तक 40 सैंपल इकट्ठे किए हैं, जिनमें से एक में अमोनियम नाइट्रेट की मौजूदगी की संभावना जताई गई है। हालांकि अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

 

सूत्रों के अनुसार, यह हमला सुसाइड कार बॉम्बिंग जैसा नहीं था। कार ने किसी बिल्डिंग या टारगेट को नहीं टक्कर मारी, बल्कि भीतर से विस्फोट हुआ। सोमवार शाम करीब 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास i20 कार में हुए इस धमाके में 12 लोगों की मौत हुई थी। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि धमाके में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक वही था जो फरीदाबाद से 10 नवंबर को बरामद किया गया था।