Flipkart, Blinkit, Zomato सहित इन 26 कंपनियों का बड़ा ऐलान, कहा- हम नहीं करते Dark Pattern का इस्तेमाल

कंपनियों ने यह कदम सेल्फ ऑडिट और थर्ड पार्टी रिव्यू रिपोर्ट के बाद उठाया है।

Flipkart, Blinkit, Zomato सहित इन 26 कंपनियों का बड़ा ऐलान, कहा- हम नहीं करते Dark Pattern का इस्तेमाल

Flipkart, Blinkit, Zomato सहित इन 26 कंपनियों का बड़ा ऐलान, कहा- हम नहीं करते Dark Pattern का इस्तेमाल / Canva

देश के ई-कॉमर्स सेक्टर में उपभोक्ता हितों को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। Flipkart, Blinkit, Zomato, Reliance Retail, Tata 1mg, Zepto समेत 26 प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि वे अब अपनी वेबसाइट और ऐप पर किसी भी तरह के Dark Pattern यानी भ्रामक डिज़ाइन ट्रिक्स का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ये वही ट्रिक्स हैं, जिनकी वजह से यूजर्स को अनजाने में सब्सक्रिप्शन लेना, अनचाही चीजें खरीदना या गलत विकल्प चुनने के लिए मजबूर किया जाता था।

 

कंपनियों ने यह कदम सेल्फ ऑडिट और थर्ड पार्टी रिव्यू रिपोर्ट के बाद उठाया है। Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution ने इसकी पुष्टि की है।

 

क्या होते हैं Dark Patterns

 

  • Dark Pattern ऐसी ट्रिक्स या डिज़ाइन होती हैं, जो यूजर को भ्रमित करके वह काम करा देती हैं, जिसे वह नहीं करना चाहता। उदाहरण के तौर पर-

  • फ्री ट्रायल देकर ऑटो रिन्यू चालू कर देना

  • जरूरी जानकारी छिपाकर महंगे प्रोडक्ट दिखाना

  • बटन ऐसे डिजाइन करना कि यूजर गलत विकल्प चुन ले

  • कई बार कंपनियां इन तकनीकों का इस्तेमाल करके उपभोक्ता पर ऐसा दबाव बना देती थीं कि वह सोचता था,अभी यह ऑफर छूट जाएगा, या यह चीज जल्द ही खत्म हो जाएगी। ऐसे में लोग अनजाने में खरीदारी कर बैठते थे।

 

यूजर्स कैसे होते हैं शिकार

 

डार्क पैटर्न का सबसे आम उदाहरण फोर्स्ड सब्सक्रिप्शन है। कई प्लेटफॉर्म्स पहले फ्री ट्रायल का लालच देते थे, फिर कुछ दिनों बाद बिना चेतावनी के पैसे काटकर प्लान ऑटो रिन्यू कर देते थे। कई यूजर्स को तो महीनों तक इसका पता भी नहीं चलता था।

 

किन कंपनियों ने किया ऐलान

 

जो बड़ी कंपनियां अब Dark Pattern का उपयोग बंद करने का वादा कर चुकी हैं, उनमें शामिल हैं-


Flipkart, Blinkit, Zomato, Swiggy, Reliance Retail, JioMart, Ajio, Tata 1mg, Myntra, Cleartrip, MakeMyTrip, BigBasket, Walmart India, Netmeds, Meesho, Hamleys, Zepto समेत कुल 26 प्लेटफॉर्म्स।

 

यह फैसला ई-कॉमर्स सेक्टर में ग्राहक पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

 

क्यों है यह कदम जरूरी

 

ऑनलाइन खरीदारी करने वाले करोड़ों यूजर्स अब तक डार्क पैटर्न का शिकार होते रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार यह प्रैक्टिस उपभोक्ता अधिकारों के खिलाफ है। सरकार पहले ही डार्क पैटर्न गाइडलाइन जारी कर चुकी है और कंपनियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे इन तकनीकों को नहीं हटातीं, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

अब इन 26 प्लेटफॉर्म्स का आगे आना बाकी कंपनियों के लिए भी एक मजबूत संकेत माना जा रहा है।

 

ई-कॉमर्स कंपनियों का यह सामूहिक निर्णय उपभोक्ता हितों को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल ऑनलाइन खरीदारी अधिक पारदर्शी होगी, बल्कि लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा।